2020 हेतु राष्ट्रीय खादय सुरक्षा मिशन के तहत सोयाबीन फसलों के मिनीकिट्स किसानो को वितरित किये जाने हैं। भारत सरकार से राजस्थान में बिजाई के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी (Soybean Subsidy) पर 15975 सोयाबीन मिनीकिट प्राप्त हुई है!
सहायक कृषि अधिकारियों व कृषि पर्यवेक्षको के माध्यम से सम्पूर्ण जिले में मिनिकिट्स अविलम्ब वितरित करवाने का काम जल्द किया जाने वाला है।
soybean subsidy योजना की मुख्य शर्ते
सोयाबीन मिनीकिट अनुदान (soybean subsidy) योजना वितरण कार्य में निम्नलिखित तथ्यों का आवश्यक रूप से ध्यान रखा जायेगा।
1. एक कृषक को एक मिनीकिट ही देय है।
2. सोयाबीन मिनीकिट 8 किलो किट साइज़ की दर से रूपए 496 है ! जिसको 90 प्रतिशत अनुदान (soybean subsidy) पर दिया जायेगा !
3. किसान से 8 किलो किट साइज़ सोयाबीन पर 10 प्रतिशत टोकन मनी 5 रूपए के गुणांक में यानि 50 रूपए लिए जायंगे !
2. soybean subsidy मिनिकिट अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमान्त तथा गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले कृषकों एवं अन्त्योदय परिवारों वाले कृषकों एवं गैर-खातेदार/खातेदार कृषकों को प्राथमिकता से मिनिकिट की कीमत का 10 प्रतिशत टॉकन राशि (50 रूपए) वसूल करते हुए वितरण किये जाने हैं। मिनीकिट महिला के नाम से दिये जाने है, चाहे भूमि महिला के पति/पिता/ससुर के नाम से हो। एक महिला को मिनीकिट का एक ही पैकेट दिया जायेगा।
3. सोयाबीन मिनिकिट वितरण हेतु पूर्व में निर्धारित रजिस्टर में कृषक का नाम आदि का इन्द्राज कर टॉकन राशि का भी इन्द्राज किया जाना है तथा कृषक के हस्ताक्षर करवाये जाने है।
4. खरीफ मिनिकिट्स हेतु जिन महिला कृषकों के पास सिंचाई का साधन हो उन्हे प्राथमिकता दी जावें एवं रबी मिनिकिट्स के लिए सिंचाई का साधन होना आवश्यक है। पात्र महिलाओं की सूची कृषि पर्यवेक्षक द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं अन्य निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श कर बनायी जावे।
5. लाभान्वित महिला कृषकों की सूचना ग्राम पंचायत कार्यालय व सहायक निदेशक कषि (विस्तार), कार्यालय पर प्रदर्शित की जायेगी।
6. पूर्व की भॉति इस वर्ष भी मिनीकिट (soybean subsidy किट) से बीज उत्पादन करने हेतु लाभान्वित कृषकों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा। मिनीकिट लाभान्वित कृषकों को बीज उत्पादक कृषकों के रूप में प्रशिक्षित करने एवं स्वयं के उपयोग के लिए बीज उत्पादन करने हेतु पूर्व निर्देशानुसार प्रशिक्षण समय पर आयोजित करवाए जायेंगे एवं यह भी सुनिश्चित कराया जायेगा कि मिनिकिट लाभान्वित कृषकों द्वारा इस प्रशिक्षण का लाभ लेकर मिनीकिट बीज से उन्नत बीज उत्पादन किया गया है।
7. भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार सही मॉनिटरिंग एवं नई किस्म के प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिए किसानों को बीज मिनीकिट का वितरण लगातार क्षेत्र में किया जाना है। यह लगातार क्षेत्र तिलहन फसलों (सोयाबीन, मूंगफली एवं सरसों) के लिए कम से कम 25 हैक्टेयर क्षेत्रफल होना आवश्यक है, अन्य तिलहनी फसलों के लिए कम से कम 10 हैक्टेयर क्षेत्रफल होना आवश्यक है।
8. मिनिकिट्स वितरण कार्यक्रम में सांसद ग्राम योजना के अन्तर्गत गोद लिए गए गॉवों को प्राथमिकता दी जाएगी।
मिनिकिट से बीज उत्पादन कार्यक्रम हेतु दिशा-निर्देश वर्ष 2020-21
1. ऐसी कृषक महिलाओं का चयन करें जो विभागीय सिफारिशों को अपनाने में इच्छुक हों।
2. एक ही कृषक परिवार की अलग-अलग कृषक महिला सदस्य के नाम से मिनीकिट नहीं दिये जावें।
3. ग्राम पंचायत में उन्ही फसलों एंव किस्मों का आंवटन किया जावे जो कि उस क्षेत्र की सिफारिश अनुसार एंव उपयोगी हों।
4. टी.एस.पी. क्षेत्र में केवल अनुसूचित जनजाति कृषक महिलाओं को ही लाभान्वित करें। यदि किसी ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के कृषक उपलब्ध नहीं हो तो सामान्य श्रेणी के महिला कृषकों में मिनिकिट वितरण किया जा सकता है।
5. यह विशेष तौर पर ध्यान रखा जावें कि खेती करने वाले परिवारों को ही मिनिकिट आवंटित किया जावें।
6. मिनिकिट्स हेतु ऐसे कृषकों का चयन किया जावें जिन्हें गत तीन वर्ष में मिनिकिट कार्यक्रम में लाभान्वित नहीं किया गया हो।
7. मिनिकिट्स का आवंटन प्राप्त होते ही क्षेत्र में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जावें।
8. मिनिकिट्स प्राप्त होते ही अविलम्ब क्षेत्र में वितरण करवाया जाना सुनिश्चित करावें।
9. मिनीकिटस की जानकारी जनप्रतिनिधियों को भी दी जावें |
10. उप निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद द्वारा मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद व सहायक निदेशक कृषि (विस्तार), से चर्चा कर ग्राम पंचायत वार मिनिकिट वितरण के लक्ष्य निर्धारित किये जावे। यह ध्यान रखा जावें कि प्रत्येक ग्राम पंचायत पर आवश्यक लक्ष्य निर्धारित किये जावें। चयन हेतु पात्र महिलाओं की सूची कृषि पर्यवेक्षक द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं अन्य निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श कर ग्राम वार बनायी जावे। लक्ष्य से 3 गुना अधिक महिलाओं की सूची बनाई जाये। पात्र महिला कृषकों की सूची कृषि पर्यवेक्षक द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं अन्य निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर करवाकर एक प्रति सहायक निदेशक, कृषि(विस्तार) / उप निदेशक कृषि (वि) जिला परिषद के कार्यालय में तथा ग्राम पंचायत में रखी जावेंगी ।
11. मिनिकिट योजना के अंतर्गत आपूर्ती करने वाली संस्था द्वारा मिनिकिट्स के साथ उपचारित बीज, राईजोबियम/पी.एस.पी./एजेक्टोबेक्टर कल्चर एवं तकनीकी साहित्य दिया जावेगा। यदि यह प्राप्त नही होता हैं तो भी इस संबंध में इसके उपयोग की जानकारी कृषको को करवाई जावें तथा लिखित में आयुक्तालय को भी अवगत करावें।