मिलावटी कीटनाशको के चलते बहुत बार किसान की फसल खराब हो जाती है और उसे भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है ! किसान अपनी मेहनत से सिंची हुई फसल को किट व् बीमारियों से बचाने के लिए कीटनाशको का इस्तेमाल करते है लेकिन कई बार उनको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है और उनकी फसल नष्ट हो जाती है !
किसान की अज्ञानता और मिलावटी या घटिया स्टैण्डर्ड के कीटनाशक के इस्तेमाल से कई बार पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो जाती है ! यहाँ तक की किसान इस आर्थिक नुकसान को सहन नही कर पाते और आत्महत्या तक करने को मजबूर हो जाते है !

फसल नष्ट होने पर किसान को मुवावजे के रूप में भी कुछ नही मिलता ! धोखा करने वाली कंपनी या मिलावटी कीटनाशक बेचने वाले डीलर को भी कानून का डर नही था क्यूंकि कोई ठोस कानून नही था जो इनको कड़ी सजा या भारी जुर्माना लगा सके !
केबिनेट ने फसल सुरक्षा व किसानों के हित के लिए बुधवार को बड़ा फैसला किया। इसके तहत अगर कीटनाशकों से किसान की फसल खराब होती है तो किसानों को मुआवजा मिलेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी कानून बनाने को जल्द ही संसद में कीटनाशक प्रबंधन विधेयक-2020 पेश होगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया की 2008 में भी कीटनाशक प्रबंधन विधेयक आया था, लेकिन वो संसद से पारित नही हो सका था !
सरकार अब उसे फिर से वापस लेकर और स्थायी समिति की सिफारिशों एवं अन्य सझावों को शामिल करके नया विधेयक लाने जा रही है। इस विधेयक में किसानों को मुआवजा देने के लिए अलग से कोष बनाया जायेगा।
जगह जगह कीटनाशक के लगाये जाने वाले भ्रामक विज्ञापनों पोस्टरों पर भी रोक के लिए गाइडलाइन बनाई जाएगी। अगर कोई डीलर या कंपनी या कोई भी व्यक्ति मिलावटी और बिना पंजीकरण वाला कीटनाशक बेचता है, तो उस पर जुर्माने के साथ साथ आपराधिक मामला चलाया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये भी फैंसला लिया गया की सार्वजनिक क्षेत्र की तीन सामान्य बीमा कंपनियों में 2500 करोड़ रुपये की पूंजी और डाली जाये ।
मंत्रिमंडल की इस बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि सामान्य बीमा क्षेत्र में काम करने वाली सरकारी कंपनियां ओरिएंटल इंश्योरेंश कंपनी, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में सरकार 2500 करोड़ रुपये डालेगी।
बीमा क्षेत्र के नियामक के मुताबिक इन कंपनियों में पूंजी अंशधारिता तय मानक से कम है, इसलिए तुरंत प्रभाव से इन कंपनियों में पूंजी डाली जाएगी।
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किसान को क्या करना होगा :-
किसान को चाहिए की जब भी वो फसल सुरक्षा के लिए कीटनाशक या कोई भी अन्य वस्तु खरीदता है तो हमेशा उसका पक्का बिल दुकानदार से ले ताकि कीटनाशक फसल पर बुरा प्रभाव डालता है तो उसके खिलाफ करवाई करने में आसानी हो !
इस विधेयक के पारित होने के बाद उम्मीद की जा रही है की बाज़ार से नकली कीटनाशक बहुत कम हो जायेंगे ! इससे किसान को भी फायदा होगा और लोगो के स्वास्थ्य पर भी नकली कीटनाशक से होने वाले बुरे प्रभाव से भी बचाव होगा !