पपीता बाग़ पर अनुदान Papaya subsidy
राष्ट्रीय बागवानी मिशन अर्न्तगत जिलेवार चयनित बागवानी फसलों के लागत मापदण्ड अनुसार नये क्षेत्र विस्तार/नये बगीचों की स्थापना पर अनुदान उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है।
बागवानी फसलों जैसे- फल, फूल, मसाले तथा सुगंधीय पौधो के नए फल बगीचों की स्थापना हेतु विभाग से किसान अनुदान प्राप्त कर सकते है ! इस लेख में पपीते के बाग़ (papaya garden subsidy) लगाने पर मिलने वाले अनुदान के बारे में बताया गया है !
पपीता सब्सिडी papaya subsidy
अनुदान के लिए पपीता के पौधो में अन्तराल (मीटर) – 1.8 x 1.8 मीटर या 1.5 x 1.5 मीटर रखा जाता है !
अनुदान के लिए खेत में पपीता के पौधो की संख्या 1.8 x 1.8 मीटर में लगाने पर 2777 व् 1.5 x 1.5 मीटर की दुरी पर लगाने पर पौधो की संख्या 4444 प्रति हैक्टेयर होगी !
अनुमानित लागत papaya subsidy
1.8 x 1.8 मीटर की दुरी पर लगाने पर प्रति हैक्टेयर में अनुमानित खर्च 61655 रूपए तथा 1.5 x 1.5 मीटर की दुरी पर प्रति हैक्टेयर 88660 रूपए माना गया है !
ड्रिप सिंचाई सिस्टम साथ लगवाने पर प्रति हैक्टेयर खर्च 1.8 x 1.8 मीटर की दुरी पर पौधे लगाने पर 120055 रूपए तथा 1.5 x 1.5 मीटर की दुरी पर 174060 रूपए का खर्च लगाया गया है !
अनुदान/ सब्सिडी papaya subsidy
लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 30000 रूपए प्रति हैक्टेयर प्लांटिंग मेटेरिअल, खाद व् पौध संरक्षण रसायनों की खरीद पर दिया जाता है !
एक किसान अधिकतम 4 हैक्टेयर के लिए अनुदान ले सकता है !
पहले साल किसान को सब्सिडी का 75 प्रतिशत मिलता है तथा दुसरे साल बाकी 25 प्रतिशत दुसरे साल मिलता है जब खेत में करीब 90 प्रतिशत पौधे जीवित हो !
ड्रिप सिंचाई सिस्टम साथ लगवाने पर पपीता के बाग़ + ड्रिप सिस्टम पर अनुदान 40 प्रतिशत या अधिकतम 80000 रूपए का अनुदान प्रति हैक्टेयर दिया जाता है !
सब्सिडी की 75 प्रतिशत राशी पहले साल तथा बाकि 25 प्रतिशत दुसरे साल 90 प्रतिशत पौधे जीवित रहने पर दिया जाता है !
कृषक चयन farmer selection
1. कृषकों का चयन ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किया जावें ।
2. फल बगीचों की स्थापना हेतु कृषकों का चयन यथासम्भव समूह में किया जावें।
3. कृषकों के चयन में यथासम्भव पंचायत राज संस्थाओं का सहयोग लिया जाकर महात्मा गांधी नरेगा कार्यक्रम से समन्वय किया जावे।
4. चयनित कृषक के पास सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो।
5. कृषक आधुनिक फसल उत्पादन तकनीक व बूंद-बूंद सिंचाई अपनाने पर सहमत हो।
अनुदान प्रक्रिया Subsidy Process
1. एक कृषक/लाभार्थी को न्यूनतम 0.4 हैक्टेयर एवं अधिकतम 4.0 हैक्टेयर क्षेत्र के लिये अनुदान देय होगा। अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों व जनजातीय क्षेत्रों के लिये न्यूनतम क्षेत्रफल सीमा 0.2 हैक्टेयर रहेगी।
2. कृषक को नये बगीचे स्थापना/क्षेत्र विस्तार पर अनुदान देय होगा।
3. नये फल बगीचे स्थापना आवेदन-पत्र के साथ ड्रिप संयत्र स्थापना हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा ।
4. फल बगीचों की स्थापना के लिये फसल विशेष की सिफारिश अनुसार निर्धारित दूरी पर निश्चित आकार के गड्डे खुदवाये जाने होंगे।
5. गड्डे भरने में उपयोग आने वाले आदान उर्वरक एवं पौध संरक्षण रसायन आदि स्वयं कृषक के स्तर से उपयोग किये जा सकेंगे। कृषक के स्तर से उपयोग नही करने पर निर्धारित प्रपत्र में कृषि पर्यवेक्षक/सहायक कृषि अधिकारी/कृषि अधिकारी के द्वारा परमिट काटकर सहकारी संस्थाओं के माध्यम से अनुदानित दर पर उपलब्ध कराये जायेंगे । कृषक के स्वंय के स्तर से उपयोग करने पर शपथ-पत्र लिया जावेगा।
6. नये फल बगीचों स्थापना में कृषक के स्तर से उपयोग की गयी गोबर की खाद (FYM) कृषक हिस्सा राशि के रूप में स्वीकार्य होगी। गोबर की खाद की दर 1.00 रूपये प्रति किलोग्राम होगी, जिसकी वास्तविक गणना स्थानीय स्तर पर की जायेगी।
7. नये फल बगीचों की स्थापना में ड्रिप संयंत्र लगाना अनिवार्य रहेगा। ड्रिप संयंत्र की स्थापना के बाद ही कृषकों को फलदार पौधे उपलब्ध कराये जावेंगे। जनजाति क्षेत्र के कृषको की छोटी जोत के मध्यनजर 0.4 हैक्टर क्षेत्र से कम क्षेत्र में बगीचे स्थापना पर बूंद-बूंद सिचाई संयत्र की अनिवार्यता से छूट रहेगी ।
8. ड्रिप संयंत्र की स्थापना बिना फल बगीचे स्थापना पर अनुदान उपलब्ध नही कराया जावेगा।
9. फलो में नीबूं के बीजू /टिश्यू कल्चर तकनिकी से उत्पादित पौधों के अलावा अन्य सभी फल बगीचे स्थापना में ग्राफटेड/कलमी पौध रोपण सामग्री का उपयोग किया जायेगा।
10. नये फल बगीचों की स्थापना हेतु परिवहन व रोपण के समय मोर्टेलिटी के पेटे प्रति इकाई निर्धारित पौधों की सख्या से 10 प्रतिशत अधिक पौधे (110%) उपलब्ध कराये जायेगें।
11. नये फल बगीचे स्थापना पर अनुदान फलवार इकाई लागत को आधार मानते हुये अनुदान राशि सीमा के अध्यधीन आर.टी.जी.एस. द्वारा सीधे किसान के खाते में किया जाकर कृषक को सूचना दी जावे।
12. द्वितिय व तृतीय वर्ष में गैप फिलिंग हेतु पौधे उपलब्ध कराकर क्रमशः 75% व 90% पौधों की जीवितता सुनिश्चित की जावे।
13. हाई डेनसिटी प्लानटिंग में पौध रोपण के साथ कैनोपी मैनेजमेंट के बारे में कृषक को तकनिकी जानकारी/प्रशिक्षण दिया जावे।
14. सरकारी भूमि, पंचायत भूमि पर नये फल बगीचों की स्थापना पर संबंधित विभाग, पंचायत द्वारा कृषक हिस्सा राशि जमा कराने पर योजना दिशा-निर्देशानुसार अनुदान देय होगा।
15. नये फल बगीचो की साइट पर कृषक का नाम व पूर्ण पता, स्थापित वर्ष, कुल क्षेत्रफल, फसल व किस्म का नाम, राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत अनुदानित इत्यादि की जानकारी का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।
16. कृषक फल बगीचों की स्थापना हेतु एन.एच.बी. एकिडेटेड नर्सरी/राजहंस नर्सरी/राजकीय उपक्रम/ कृषि विश्वविद्यालयों/ कृषि महाविद्यालयों/अर्धराजकीय, भारत सरकार की सस्थाएं/ अनुसंधान केन्द्र/फार्म अथवा अन्य किसी राजकीय संस्था से पौधे कय कर बगीचा लगाता है, तो उसे नियमानुसार अनुदान देय होगा।
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