मूंगफली की दो नई किस्में जारी
मूंगफली की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है। कृषि वैज्ञानिकों ने मूंगफली की दो ऐसी नई किस्में विकसित की हैं, जिनमें ओलेइक अम्ल 78 प्रतिशत (कुल वसा तत्वों का) से अधिक पाया जाता है।
भा.कृ.अ.नु.प-मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़, गुजरात ने अर्द्धशुष्क उष्णकटिबंधीय अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (इक्रीसैट) के सहयोग से भारत में पहली बार ‘गिरनार-4’ और ‘गिरनार-5’ नाम से दो उच्च ओलेइक अम्ल वाली मूंगफली किस्मों को विकसित किया है।
सामान्य मूंगफली में ओलेइक अम्ल (oleic acid) की मात्रा कुल वसा का 40-50 प्रतिशत तक होती है, जबकि गिरनार 4 तथा गिरनार 5 किस्मों में सामान्य मूंगफली से कही ज्यादा लगभग 80 प्रतिशत तक है। पिछले दिनों आंध्र प्रदेश में आयोजित वार्षिक मूंगफली कार्यशाला के दौरान उपजाति पहचान समिति द्वारा ‘गिरनार-4’ और ‘गिरनार-5’ को जारी किया गया।
उच्च ओलेइकयुक्त तेल स्वास्थ्यवर्द्धक (oleic oil)
oleic oil हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण है ! माना जाता है oleic acid हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी रोगों के जोखिम को कम कर सकता है। यह उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन से निम्न घनत्व वाले लिपोप्रोटीन के अनुपात को बढ़ावा देता है और ट्राईसाइग्लिसरॉल (निष्प्रभावी वसा) एवं रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है।
वर्तमान में उच्च ओलेइक (high oleic groundnut) मूंगफली का स्रोत भारत से बाहर होने की वजह से कच्चे माल की लागत में वृद्धि होती है और भारत के खाद्य उद्योगों को लाभ कम होता है। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं के लिए उत्पाद की लागत बढ़ जाती है।
ऐसे में देश में ‘गिरनार-4’ और ‘गिरनार-5’ मूंगफली किस्मों का विकास न केवल भारत को दुनिया के बड़े उच्च ओलेइक (oleic oil) मूंगफली उत्पादक संघों में डाल देगा, बल्कि देश में मूंगफली के उत्पादकों के लिए एक नए युग को प्रशस्त करेगा।
प्रस्तुतिः अश्विनी कुमार निगम
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