मूंग की खेती Mung bean Moong package practices

ग्रीष्मकालीन मूंग की वैज्ञानिक खेती summer mung bean cultivation

ग्रीष्मकालीन मूंग (mung bean ) कम अवधि की दाल वाली फसल हैं । इसे गेहूँ व सरसों की कटाई के बाद या फिर गन्ने के साथ अन्तः फसलीकरण के रूप में बोया जा सकता हैं। खाई विधि से गन्ना लगाने पर गन्ने की लाईनों के बीच बैड पर मूंग की बिजाई कर सकते है। इसे धान व गेहूँ के बीच बचे खाली समय में भी बोया जा सकता है।

मूंग की खेती Mung bean Moong package practices

उन्नत किस्मै (mung bean varieties):

एम एच-421

पकाईं मे समय – 60 दिन  उत्पादन 4-4.8 qtl/एकड़ ग्रीष्मकालया 5.6-6.4 qtl / एकड़ खरीफ

विशेषता

1. पीले पत्ते वाला मोजैक वायरस रोग के अवरोधी

2. पत्तो के धब्बे रोग व जलयुक्त झुलसा रोग के अवरोधी

एस.एम.एल-832  

पकाईं मे समय – 61 दिन में उत्पादन 4-6 qtl/एकड़

विशेषता

80-85 प्रतिशत फलीयाँ एक साथ पक जाती है

एम.एम.एल.-668  

पकाईं मे समय – 60 दिन में, उत्पादन 4-6 qtl/एकड़

विशेषता

1. फलियाँ मोटी एंव लम्बी होती है।

2. मोजैक वायरस के प्रति अवरोधी

बसन्ती

पकाईं मे समय – 65 दिन, उत्पादन 6-7 qtl/एकड़

विशेषता

सभी क्षेत्रों खरीफ व ग्रीष्म मौसम में उगाया जा सकता है।

मुस्कान

पकाईं मे समय – 65-दिन में, उत्पादन 6 qtl/एकड़

विशेषता

पीले पते वाले मौजेक रोग के प्रति अवरोधी

बिजाई का समय (mung bean sowing time):

ग्रीष्म कालीन मूंग की बुआई का उत्तम समय पूरा मार्च व 15 अप्रेल से पहले कर लेनी चाहिए । इसके बाद बिजाई करने पर मानसून के आने से पहले फसल की कटाई नहीं हो सकेगी और मानसून से फसल नष्ट होने का डर रहेगा।

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बीज की मात्रा (Seed rate):-

खरीफ मौसम में 6-8 किलोग्राम प्रति एकड़ एवं ग्रीष्मकालीन मौसम में 10-12 किलोग्राम प्रति एकड बीज डालने की सिफारिश की जाती हैं। राइनोबियम टीके से

मूंग की खेती Mung bean Moong package practices

बीज का उपचार :

मूंग के बीज को राइजो बियम कल्चर के टीके से उपचार करना चाहिए। यह टीका कृषि विश्वविद्यालय के माइक्रोबॉयलोजी विभाग एवं किसान सेवा केन्द्र से प्राप्त किये जा सकते हैं। एक टीका (50 मि.ली.) प्रति एकड़ बीज के लिए पर्याप्त है एक खाली बाल्टी में 2 कप (200 मि.ली.) पानी में 50 ग्राम गुड धालियें । एक एकड के बीज पर गुड़ का घोल डालें और उपर से राइजोबियम टीका छीडके । बीजो के हाथ से अच्छी तरह मिला ले तथा बिजाई से पहले बीज को छाया में सुखा लें।

खरपतवार नियंत्रण :

खरपतावारो की रोकथाम करने के लिए दो बार निराई-गुडाई करनी चाहिए । पहली निराई 20-25 दिनों के बाद तथा दुसरी निराई आवश्यकता पड़ने पर करें। खरपतवारनाशक हवा से भी खरपतवार नियंत्रण किया जा सकता है। इसके लिए बासालिन 45 ई.सी. (फ्लुक्लोरालीन) 600 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से तैयार की गई जमीन पर छिडकवा करें तथा मूंग की बिजाई उसी दिन करें।

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