हर किसान ने जिप्सम के बारे में जरुर सुना होगा और जिप्सम डालते भी होंगे ! लेकिन जिप्सम डालने की सही वजह का जानना जरुरी होता है ! आइये बताते है की जिप्सम में क्या है ख़ास जो इसको इतना महत्वपुर्ण बनाता है ! gypsum dalne ke fayde

- कैल्शियम और सल्फर की आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए।
- फसलों में जड़ों की सामान्य वृध्दि एवं विकास में सहायता देता है।

- जिप्सम का उपयोग फसल संरक्षण में भी किया जा सकता है क्योंकि इसमें सल्फर उचित मात्रा में होता है।
- तिलहनी फसलों में जिप्सम डालने से सल्फर की पूर्ति होती है, जो बीज उत्पादन तथा पौधे व तेल से आने वाली विशेष गन्ध के लिए मुख्यतया: उत्तरदायी होता है।
- जिप्सम देने से मृदा में पोषक तत्वों सामान्यत: नत्रजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम तथा सल्फर की उपलब्धता में वृध्दि हो जाती है।
- जिप्सम कैल्शियम का एक मुख्य स्त्रोत है जो कार्बनिक पदार्थो को मृदा के क्ले कणों से बाँधता है जिससे मृदा कणों में स्थिरता प्रदान होती है तथा मृदा में वायु का आवागमन सुगम बना रहता है। gypsum dalne ke fayde

- जिप्सम मृदा में कठोर परत बनने को रोकता है तथा मृदा में जल प्रवेश को बढ़ाता है।
- कैल्शियम की कमी के कारण ऊपरी बढ़ती पत्तियों के अग्रभाग का सफेद होना, लिपटना तथा संकुचित होना होता है। अत्यधिक कमी की स्थिति में पौधों की वृध्दि अवरूध्द हो जाती है तथा वर्धन शिखा भी सूख जाती है जो कि जिप्सम ड़ालने से पूरी की जा सकती है।

- जिप्सम एक अच्छा भू सुधारक है यह क्षारीय भूमि को सुधारने का कार्य करता है।
- जिप्सम अम्लीय मृदा में एल्युमिनियम के हानिकारक प्रभाव को कम करता है।

- जिप्सम का उपयोग फसलों में अधिक उपज तथा उनकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाता है।
ये थे खेत में जिप्सम इस्तेमाल करने के फायदे लेकिन हमें जिप्सम का इस्तेमाल बिना जरुरत और बिना मिटटी की जाँच के नही करना चाहिए !
सबसे पहले अपने खेत में मिटटी का नमूना ले और कृषि विज्ञानं केंद्र या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर मिटटी की जाँच करवाए और अगर जाँच के अनुसार जिप्सम का उपयोग करे ! gypsum dalne ke fayde
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