1995 में गेहूं की एक किस्म आई थी और PBW-343 जो काफी सफल रही थी! उसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है की भारत में इसका एरिया 100 लाख हैक्टेयर हो गया था ! लेकिन अच्छा उत्पादन देने के बावजूद पीले और भूरे रतुआ के कारण कुछ समय बाद ये किस्म खेतो से बाहर हो गई !

उसूके बाद आई HD-2967 और HD-3086 जो की करीबू 65 क्विटल प्रति हैक्टेयर यानि 26 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन देने की क्षमता रखती है !
इनके बाद जो अब किस्म आई है ये किस्म कृषि वैज्ञानिको के अनुसार HD-2967और HD-3086 से भी बेहतर किस्म है! ये किस्म दिसम्बर 2018 में नार्थ ईस्ट के लिए निकली गई थी! लेकिन हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल और उत्तखंड के किसानो की डिमांड पर गेहूं की इस किस्म को अप्रूवल के लिए केंद्र को भेजा गया है !
तो आइये जानते है कौन सी है ये किस्म और क्या है इसमें ख़ास और कितनी पैदावार देती है ! देश में बहुत सारी जगह इस किस्म के डेमो लगाये गये और किसानो में बहुत लोकप्रिय हो गयी!
गेहूं की ये किस्म है DBW-187 जिसको करण वंदना के नाम से भी जाना जाता है ! ये किस्म ICAR के करनाल स्तिथ गेहूं व् जौं अनुसन्धान संसथान द्वारा पेश की गई है !
तो क्या ख़ास है इस किस्म में
पहला
गेहं की अन्य किस्मो में प्रोटीन 10 से 12 प्रतिशत है लेकिन इस किस्म में 12 प्रतिशत से अधिक है
दूसरा
गेहं की अन्य किस्मो में आयरन / यानि लोहे की मात्रा 30 से 40 पीपीएम होती है लेकिन इस किस्म में 42 पीपीएम से अधिक है
तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण बिंदु
एक किसान के लिए ये है की जहाँ अन्य किस्मो की पैदावार 65 क्विटल प्रति हैक्टेयर तक है dbw-187 75 क्विटल प्रति हैक्टेयर यानि 30 क्विंटल प्रति हैक्टेयर की पैदावार दे सकती है!
चौथी बात
• ये भी काफी महत्वपूर्ण है की dbw 187 किस्म पिला रतुआ और ब्लास्ट रोग
के प्रतिरोधी किस्म है मतलब कुल मिलाकर बहुत अच्छी किस्म है ! आपकी जानकारी के लिए आपको ये भी बताना चाहता हु के PBW -343 जो गेहूं की किस्म थी उसमे LR 37/yr 17 और Lr76 /yr 70 नाम के दो जीन डाले गये है जिस से इसमें पिला रतुआ की समस्या अब नही आती और ये pbw-343 उन्नत के नाम से निकली गई है !
Deb 187 sheets chahiy m bijnor u.p. se kya rate hoga