जिप्सम क्या है what is gypsum
जिप्सम एक प्राकृतिक खनिज है। रासायनिक दृष्टि से यह कैल्शियम सल्फेट (CaSO4.2H2O) होता है, जिसमें सामान्यतः 16-19 प्रतिशत कैल्शियम एवं 13-16 प्रतिशत सल्फर होता है।
जिप्सम के लाभ Benefits of using gypsum
कृषि में यह क्षारीय भूमि के सुधार तथा पोषक तत्व के रूप में उपयोगी है। क्षारीय भूमि को उपजाऊ बनाकर अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिये जिप्सम का उपयोग लाभदायक है।
पोषक तत्व के रूप में इसके उपयोग से तिलहन, दलहन, गेंहूँ फसलों में उत्पादन व गुणवत्ता में वृद्धि होती है। जिप्सम में सामान्यतया 16-19 प्रतिशत कैल्शियम एवं 13-16 प्रतिशत सल्फर होता है।
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वर्ष 2021-22 हेतु क्षारीय भूमि सुधार कार्यक्रम- National Mission for Sustainable Agriculture (NMSA) के तहत तथा पोषक तत्व के रूप में National Food Security Mission- Oil Seed, Pulses & Wheat कार्यक्रम के अन्तर्गत तिलहनी, दलहनी व गेंहू की फसलों में उपयोग हेतु जिप्सम का वितरण किया जायेगा।
राजस्थान के समस्त किसानों को जिप्सम भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं यथा क्षारीय भूमि सुधार हेतु NMSA तथा तिलहनी, दलहनी व गेंहूँ फसलों में NFSM-Oil Seed, Pulses & Wheat के अन्तर्गत जिलेवार निर्धारित gypsum subsidy देय है।
जिप्सम से क्षारीय भूमि सुधार प्रक्रिया के आवश्यक बिन्दू Soil reclamation with gypsum
सर्वप्रथम खेत के चारों ओर मेड़ बन्दी करें ।
वर्षा पूर्व खेत की गहरी जुताई कर, खेत का यथा सम्भव समतल करें, ताकि वर्षा का पानी खेत में समान रूप से भर जायें।
मानसून शुरू होने से काफी समय पहले जिप्सम की आवश्यक मात्रा (जी0आर0वैल्यू) के अनुसार मिट्टी की ऊपरी 10 सेमी की सतह में मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें।
जिप्सम मिलाने के बाद खेत को छोटी क्यारियों या ढ़ाल के अनुसार, या सुविधानुसार खंडों में बांट दें। क्यारियों की मेड 10-15 सेमी ऊंची रखे जिससे पानी का भराव हो सकें।
खेत में वर्षा का पानी कम से कम 7-10 दिनों तक भरा रहने दें। यदि पानी अपने आप खेत से रिस जाये अन्यथा बचे हुये पानी को निकास द्वारा निकाल दें।
मानसून के अलावा यदि अच्छी गुणवता का जल उपलब्ध हो तो वह भी निक्षालन के लिये काम में लिया जा सकता है।
जिप्सम उपयोग के पश्चात्, हरी खाद के लिये ढेंचा की बुवाई करावें। बैंचा बीज 60 किलो प्रति हेक्टर की दर से छिटकवा विधि द्वारा बुवाई करावें।
बुवाई के 40-45 दिन बाद या फसल में फूल आने से पूर्व ढेंचा को मिट्टी में पलट देवें। ध्यान रहे ढेंचा पलटते समय भूमि में पर्याप्त नमी रहें।
भूमि सुधार को प्रभावी बनाने के लिये ढेंचा अत्यन्त उपयोगी है क्योकि यह जिप्सम की धुलनशीलता बढ़ाने के साथ भौतिक एवं रासायनिक गुणों में सुधार करता है।
रबी में गेहूँ, जौ, सरसों की लवण/क्षार रोघी किस्मों की बुवाई करें।
पोषक तत्वों के रूप में – तिलहनी, दलहनी व गेंहू की फसल में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM- Oil Seed, Pulses & Wheat) के अन्तर्गत जिप्सम 250 किलो प्रति हैक्टर की दर से उपयोग किया जाता है।
इससे तेल की मात्रा एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती है, दाने के आकार में बढौत्तरी एवं चमकदार होता है। अतः तिलहनी फसलों में जिप्सम का उपयोग करावें।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन – दलहन – दलहनी फसलों में 250 किंग्रा प्रति हैक्टर जिप्सम, गंधक पोषक तत्व की आपूर्ति हेतु दिया जाता है। इसका उपयोग जडों की ग्रंथियों के निमार्ण, विकास एवं प्रोटीन की मात्रा व प्रकाश संश्लेषण हेतु महत्वपूर्ण है। इस प्रकार जिप्सम प्रयोग से दलहनी फसलों की उत्पादकता व गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन – गेंहू के अन्तर्गत 250 किंग्रा प्रति हैक्टर जिप्सम
पोषक तत्व के रूप में उपयोग करने से दाने सुडौल एवं चमकीले होते हैं एवं फसल में रोग और व्याधि का प्रकोप कम होने के साथ- साथ उत्पादन अधिक प्राप्त होता है।
फसलों की बुवाई पूर्व अंतिम जुताई के समय मिट्टी की ऊपरी 10 सेमी की सतह में 5 कट्टे प्रति हैक्टर (250 किंग्रा) जिप्सम मिलाया जायें।
किसान द्वारा पोषक तत्वों के रूप में फसल बुवाई के समय जिप्सम उपयोग से वंचित रहने पर प्रथम सिंचाई से पूर्व निराई गुडाई करते समय जिप्सम का उपयोग किया जा सकता है।
जिप्सम पर अनुदान gypsum subsidy
क्षारीय भूमि सुधार कार्यक्रम – National Mission for Sustainable Agriculture योजना के अन्तर्गत –
क्षारीय भूमि सुधार हेतु जिप्सम का उपयोग मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा
सिफारिश जिप्सम मात्रा (जी.आर. वैल्यू) के अनुसार 50 प्रतिशत अधिकतम रूपयें 7500/- प्रति हैक्टेयर (अधिकतम 5.00 मैथ्टन प्रति है0 हेतु) प्रति किसान अधिकतम 02 है0 तक gypsum subsidy देय है।
हरी खाद के लिए ढेंचा बीज 60 किलो प्रति है0 के लिये अनुदान 50 प्रतिशत, अधिकतम रूपये 1000 प्रति है। देय है। प्रति कृषक अधिकतम 02 है0 तक टैंचा बीज पर अनुदान देय है।
पोषक तत्व के रूप में
National Food Security Mission- Oil Seed, Pulses & Wheat(NFSM- Pulses &Wheat) कार्यक्रम के अन्तर्गत- तिलहनी, दलहनी व गेंहू की फसलों में जिप्सम 250 किलों प्रति हैक्टेयर हेतु अनुदान निर्धारित जिलेवार कुल दर का 50 प्रतिशत, अधिकतम रूपयें 750/- प्रति हैक्टेयर प्रति कृषक, अधिकतम 02 हैक्टेयर तक देय होगा I
जिप्सम कैसे प्राप्त करे how to get gypsum subsidy
आवेदक को निचे दिया गया gypsum application form भरकर कृषि विभाग के कार्यालय में जमा करवाना होगा या कृषि विभाग के अधिकारी से सम्पर्क करना होगा I
