किसानो को दिया जाएगा इंसेंटिव धान की बजाये लगानी होगी ये फसल

धान की बजाये अन्य फसल लगाने पर सहायता/इंसेंटिव

पिछले कई वर्षों से लगातार गिरते भू-जल के संरक्षण हेतु माननीय मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार ने गत वर्ष की भांति इस वर्ष 50000 हेक्टेयर के बजाय 100000 हेक्टेयर धान के रकबे को फसल विविधिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य फसलों मक्का, कपास व् बाजरे में रिप्लेस करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ।

इस सन्दर्भ में दिनांक 26.4.20 को महा निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उप कृषि निदेशकों की बैठक का आयोजन किया गया ।

बैठक में गत वर्ष के मक्का फसल के अनुभवों को साझा करते हुए सभी जिलों को

अनुरोध पर मक्का कपास तथा बाजरा बिजाई का लक्ष्य दिया गया !

जैसे जिला जींद को 14000 हेक्टेयर धान के रकबे को कपास के 10000 हेक्टेयर तथा बाजरा फसल के 4000 हेक्टेयर में रिप्लेस करने का लक्ष्य दिया गया है !

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इसके लिए किसानो को इंसेंटिव भी दिया जाएगा जिसके लिए दिशानिर्देश राशि निदेशालय द्वारा निर्धारित किया जाएगा जो उन्ही किसानो को दिया जायेगा जो किसान गत 2-3 वर्षों से लगातार धान की बिजाई करते आ रहे हैं और इस वर्ष धान के स्थान पर कपास या बाजरे की बिजाई करेंगे। 

उसी प्रकार कुछ ज़िले जहाँ पर धान लगाई जाती है वहा पर धान की बजाए मक्की लगाने पर किसानों को इंसेंटिव दिया जाएगा !

जैसा की हरियाणा में अधिकतर धान की रोपाई प्रवासी मजदूरों द्वारा की जाती थी लेकिन इस वर्ष COVID-19 महामारी को देखते हुए प्रवासी मजदूर धान की रोपाई के लिए उपलब्ध नहीं होंगे |

अत: प्रवासी मजदूर, गिरते भू-जल व् खराब पानी के प्रयोग से खराब हो रही भूमि की उर्वरा शक्ति का हवाला देते हुए किसानो को धान की बजाय मक्का, कपास व् बाजरे की फसल बिजाई करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिये लक्ष्यों का आबंटन किया गया है । 

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