अजवाइन की खेती Carom seed राजस्थान गुजरात हरियाणा

अजवाइन की खेती  

किस्म

अजवाइन की खेती के लिए किस्मो का चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण होता है ! किस्मो का चुनाव अवधि, सिंचाई तथा भूमि के आधार पर करना चाहिए !

प्रताप अजवाइन-1

अजवाइन फसल की यह नव विकसित किस्म विभिन्न वर्षा एवं स्थानों पर औसतन 850 से 900 किलोग्राम/हैक्टर बीज की उपज देती है जो स्थानीय किस्मों में लगभग 20 प्रतिशत अधिक है।

इस किस्म में तेल की मात्रा 3.89 प्रतिशत है। यह किस्म स्थानीय किस्मों से लगभग 15 दिन पहले पक जाती है और यह पत्ती झुलसा रोग से मध्यम प्रतिरोधी है।

लाभ सिलेक्शन 1 अजवाइन की खेती

अजवाइन की ये किस्म कम समय में तैयार हो जाती है ! ये किस्म 130 से 140 दिन में तैयार हो जाती है ! इस किस्म की अजवाइन की खेती राजस्थान तथा गुजरात के कुछ हिस्सों में की जाती है ! अजवाइन की इस किस्म की ऊंचाई करीब 3 फीट होती है ! Labh selection अजवाइन किस्म प्रति हैक्टेयर 8 से 9 क्विंटल के आसपास (carom seed) उत्पादन देती है!

लाभ सिलेक्शन 2

अजवाइन की ये किस्म सिंचित तथा असिंचित दोनों तरह की परिस्तिथियो में अच्छा उत्पादन देती है और समय कम लेती है ! ये किस्म लगाने के लगभग 135 दिन में पककर तैयार हो जाती है ! ये किस्म 10 क्विंटल प्रति हैक्टेयर से अधिक carom seed की उपज दे सकती है !

ए ए 1 अजवाइन की खेती

अजवाइन की ये किस्म देरी से पकने वाली है ! इसके पौधे की ऊंचाई 3 से 4 फीट होती है ! ये किस्म प्रति हैक्टेयर करीब 15 क्विंटल की अजवाइन (carom seed) पैदावार दे सकती है ! ये किस्म लगाने के 170 दिन में तैयार हो जाती है ! अजवाइन की खेती करने के इच्छुक किसान इस किस्म को हर तरह की मिटटी में लगा सकते है !

ए ए 2 अजवाइन की खेती

यह अजवाइन की जल्द तैयार होने वाली किस्म है ! ये किस्म रोपाई के करीब 145 दिन में तैयार हो जाती है ! ये किस्म प्रति हैक्टेयर 13 क्विंटल की उपज दे सकती है ! यह सिचित तथा कम पानी वाली दोनों तरह की जमीन में हो सकती है !

आर ए  1-80 अजवाइन की खेती

अजवाइन की ये किस्म लगाने के 170 से 180 बाद पैदावार देना शुरू करती  है ! यह किस्म प्रति हैक्टेयर 10 क्विंटल के आसपास देती है ! इसके बीज (carom seed) अधिक सुगन्धित तथा आकार में छोटे होते है !

Gujrat ajwain 1

अजवाइन की ये किस्म रोपाई के लगभग 170 दिन में तैयार होती है ! यह किस्म प्रति हैक्टेयर 8 से 12 क्विंटल की carom seed पैदावार देती है ! इस किस्म के पौधे लगभग 3 फीट के होते है !

आर ए 19-80 अजवाइन की खेती

अजवाइन की ये किस्म करीब 160 दिन में तैयार होती है ! यह किस्म प्रति हैक्टेयर 10 क्विंटल की पैदावार देती है !

भूमि एवं तैयारी

दुमट या बलुई दुमट मिट्टी अच्छी रहती है। भूमि को 4-5 जुताईयाँ करके भुरभुरा कर छोटी-छोटी (3 X 3 मीटर) क्यारियाँ बना लेवें।

बुवाई

बुवाई का उपयुक्त समय अगस्त-सितम्बर है। प्रति हैक्टर 2.5 से 5 किलोग्राम बीज छिटकवाँ विधि से अथवा 15-20 सें.मी. दूर कतारों में बुवाई करें। कतारों में बोई गई फसल के पौधे से पौधे की दूरी 20 सें.मी. रखें। छिटकवाँ विधि में बीजों को क्यारियों में छिटक कर मिट्टी पर हल्की रैक चला देवें, जिससे बीजों पर हल्की सी परत मिट्टी की आ जावे | अधिक मिट्टी होने पर अंकुरण अच्छा नहीं होता है।

खाद एवं उर्वरक

नाइट्रोजन किलोग्राम प्रति हैक्टेयर – 20 Kg

फोस्फोरस किलोग्राम प्रति हैक्टेयर – 8 Kg

पोटाश किलोग्राम प्रति हैक्टेयर – 15 Kg

15-20टन FYM कम्पोस्ट

निराई-गुड़ाई

अजवाइन की खेती में खरपतवारों को न पनपने दें तथा आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करते रहें । अजवायन फसल में खरपतवार नियंत्रण करने हेतु बुवाई के तुरन्त बाद 750 मिलीलीटर पेन्डीमिथेलीन प्रति हैक्टर के हिसाब से छिड़काव करें तथा 30 दिन बाद उगने वाले खरपतवार का अंतरशस्य द्वारा निकालें ।

अजवाईन की फसल में सामान्य खरपतवारों के नियंत्रण के लिए 50 ग्राम आक्सीडायरजिल सक्रिय तत्व प्रति हैक्टर बुवाई के 20 से 25 दिन बाद 400 से 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हैक्टर की दर से छिड़काव करें।

अजवाइन की खेती में पौध संरक्षण

संभाग में, फसल में मोयला कीट व छाछ्या रोग का प्रकोप पाया गया है।

मोयला (एफिड्स)

मैलाथियॉन 5 प्रतिशत चूर्ण 25 कि.ग्रा. प्रति है। भुरकाव करें अथवा मैलाथियान 50 ई.सी. अथवा डाईमेथोएट 30 ई.सी. एक लीटर प्रति है0 की दर से घोल बनाकर प्रयोग करें।

छाछ्या (पाउडरी मिल्ड्यू)

लक्षण दिखाई देते ही कार्बेन्डाजिम 50 डब्ल्यू.पी. या ट्राइडेमोर्फ 50 प्रतिशत 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। आवश्यकतानुसार 15 दिन बाद इसे फिर दोहरायें।

उखटा (विल्ट)

संभाग में किसी-किसी खेत में यह बीमारी भी पायी जाती है। उपयुक्त फसल चक्र अपनाकर इस रोग से बचा जा सकता है।

कटाई Ajwain harvesting

जनवरी माह तक फसल पक जाती है तब इसकी कटाई कर लेवें।

उपज Ajwain yield

अच्छी तरह खेती करने पर प्रति हैक्टर 7-8 क्विंटल बीज की उपज प्राप्त हो सकती है।

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